भक्ति में मस्त है तो भी रामायण का पाठ करे
अति हरि कृपा जाहि पर होइ…. पाँव देहि इहि मारग सोई
आप पर प्रभु की बहुत कृपा है जो आप इस मार्ग पर चल रहे है. जब प्रभु की आप पर इतनी कृपा है तो उस परमपिता के चरित का पाठ आपको ज्यादा से ज्यादा यथासम्भव करना चाहिये ताकि आप असली आनंद प्राप्त कर सके.
मंगल भवन अमंगल हारी उमा सहित जेहि जपत पुरारी
जिनके नाम से कल्याण होता है और अमंगलों का नाश. जिसे पार्वतीजी सहित भगवान शिवजी सदा जपा करते है, वैसे लाभ का कोई क्या वर्णन करे ! फिर हम क्यों चूक रहे हैं नाम जपने से ? यह बहुत गंभीरता से सोचने की बात है.
